July 16, 2025

नई दिल्ली/ 01 जुलाई 2025 :: विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कावड़ यात्रा के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए आज कहा कि राष्ट्रीय एकता, समरसता और एकात्मता की प्रतीक इस यात्रा का सभी मत-पंथ संप्रदाय व धर्मों के लोगों को ना सिर्फ खुले मन से स्वागत करना चाहिए अपितु, कावड़ यात्रियों के संवैधानिक अधिकारों की भी रक्षा करनी चाहिए।

कावड़ यात्रा अनादि काल से चली आ रही है। लगभग 8 करोड़ यात्री प्रतिवर्ष इस पवित्र त्रा में भाग लेते हैं। वे ‘बम भोले’ के साथ ‘भारत माता की जय’ का उद्घोष भी करते हैं। अपने कंधे पर कावड़ लेने के साथ, हाथ में तिरंगा लेकर भी चलते हैं। यह यात्रा आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता, समरसता और एकात्मता का प्रतीक बन चुकी है।

डॉ सुरेन्द्र जैन ने आज यह कहा कि इस यात्रा का समाज के सभी वर्गों के द्वारा भरपूर स्वागत होना चाहिए। यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं जुटानी चाहिए लेकिन दुर्भाग्य से हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक के रास्ते में कई बार इन यात्रियों पर हमले होते थे, जान से मार दिया जाता था, मल-मूत्र और मांस के टुकड़े फेंक कर कावड़ को अपवित्र किया जाता था। यात्रा रोक दी जाती थी। सेकुलर सरकारें जिहादी हमलावरों के संरक्षण पर खड़ी होती थी। यात्रियों की आस्थाओं का उनके लिए कोई अर्थ नहीं होता था।

यूपी सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार आने के बाद यात्रियों और उनके सम्मान की सुरक्षा के लिए कुछ नियम बनाए गए और उसका परिणाम हमलावर समाज पर भी दिखाई दिया। कुछ मुसलमानो ने स्वागत करना शुरू किया परंतु जेहादियों ने एक नया प्रकार खोज लिया। थूक कर रोटियां बनाना, जूस में पेशाब मिलाना, अपने नाम व पहचान छुपा कर हिंदू नाम से दुकान खोलकर हलाल के समान के साथ यात्रियों को भोजन भी देना। इससे हिंदुओं की आस्थाएं अपमानित होती थीं। यह यात्रियों का अधिकार है कि जिस दुकान से वह सामान ले रहे हैं, वह दुकान किनकी है।

See also  मुंबई के दस वर्षीय आदित्य जी नायर ने अपने उत्कृष्ट समर्पण और प्रतिभा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की

किसी जिहादी के द्वारा चलाई जा रही दुकान तो नहीं है, यह जानने का उसका संवैधानिक अधिकार है। इसलिए वर्तमान सरकार ने जो नियम बनाए हैं हम उन नियमों का स्वागत करते हैं। वे नियम यात्रियों के लिए भी है और वहां पर रहने वाले समाज के लिए भी। यात्री तो नियमों का पहले से ही पालन करते हैं। वहां का सम्पूर्ण समाज भी करेगा यह हमारी अपेक्षा है।

उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि जब ऐसा कोई भी विषय आता है तो कुछ लोग तुरंत न्यायपालिका में जाते हैं और कोई एक जज अपने व्यक्तिगत संस्कार और विचारों के आधार पर तुरंत स्टे दे देता है। इससे न्यायपालिका की आलोचना भी शुरू हो जाती है। सोशल मीडिया पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है। न्यायपालिका के सम्मान की सुरक्षा हमारी भी चिंता का विषय है। लेकिन जिम्मेदारी न्यायपालिका की भी बनती है। इसलिए हम मुख्य न्यायाधीश महोदय से निवेदन करते हैं कि वे सभी न्यायाधीशों को संकेत दें कि किसी भी विषय पर निर्णय देने से पहले हिंदुओं के संवैधानिक अधिकारों का भी विचार करें। संविधान के धारा 25 और 26 हिंदुओं के अधिकारों के लिए भी हैं। स्थानीय परिस्थितियों, हिंदुओं की भावनाओं तथा वहां की परिस्थितियों, इन सब का विचार करके ही निर्णय देना चाहिए।

डॉ जैन ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ लोग इस विषय को राजनीति से भी जोड़ने की कोशिश करते हैं। भारत में तो प्रत्येक महीने कहीं ना कहीं चुनाव होते ही रहते हैं। यात्रा हर वर्ष निकलती है, निश्चित तिथि पर निकलती है। इसको राजनीति से जोड़ने वाले वास्तव में, हिंदू आस्थाओं का अपमान करते हैं। इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। वह अपने वोट बैंक के तुष्टीकरण के लिए इतना नीचे ना गिरे कि उनका उठाना मुश्किल हो जाए।

See also  देश के कई प्रसिद्ध मंदिरो को बम से उडाने की धमकियों की बढ़ती घटनाओं पर मुस्लिम संगठनों व मुसलमीन पार्टियों की चुप्पी, क्या आतंकियों को मौन समर्थन नहीं? -विनोद बंसल

#विश्वहिंदूपरिषद #दुर्गावाहिनीमातृशक्ति #बजरंगदल #आलोककुमार #संपतराय #बजरंगबागड़ा #डॉआरएनसिंह #विनोदबंसल #प्रज्ञाम्हला #परशुरामकुमार #चंद्रकांतरायपत #मिथलेश्वरमिश्र #डॉमधुवर्मा #डॉशोभारानीसिंह #कैलाशकेसरी #वीरेंद्रविमल #अखिलेशसुमन #सुषमाअग्रवाल #डॉभावनाझा #प्रकाशरंजन #गौरवअग्रवाल #चितरंजनकुमार

Author Profile

रविन्द्र कुमार
रविन्द्र कुमार
प्रधान सम्पादक -(www.biharnews18.in)
मो .9304238302

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *