May 15, 2025

*कथा के पष्ठम दिवस पर महाराज ने कथा में कहा कि हिरण्यकश्यप, दुर्योधन, शिशुपाल और केंस आदि का अंत भी अहंकार के कारण ही हुआ*

मुजफ्फरपुर/30 दिसंबर 2024 :: मुजफ्फरपुर के किरण-श्री विवाह भवन में श्रीमद्भागवत कथा के पष्ठम दिवस पर कल रविवार को श्री अयोध्या धाम से आये महंत श्री राजीव लोचन शरण जी महाराज ने कथा में कहा कि अहंकार ही व्यक्ति के जीवन के पतन का मुख्य कारण है।

हिरण्यकश्यप, दुर्योधन, शिशुपाल और केंस आदि का अंत भी अहंकार के कारण ही हुआ। यदि व्यक्ति का मनुष्य जन्म सफल करना है तो उसे अहंकार से बचना चाहिए।

जीवन में किसी भी प्रकार का अहंकार, लोभ, लालच और राग-द्वेष नहीं करना चाहिए। यही श्रीमद्भागवत सिखाती है।

आज की कथा में मथुरा गमन, कंस वध, उद्धव प्रसंग और द्वारिकाधीश-रुक्मिणी विवाह महोत्सव का वर्णन किया गया। बीच-बीच में भजनों की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में विशेष रौनक ला दी।

“आओ मेरी सखियों, मुझे श्याम सुंदर की दुल्हन बना दो।”

इन भजनों की प्रस्तुति में नंदकिशोर ने हारमोनियम पर, रघुनंदन ने तबले पर, रविकांत पांडेय ने बैंजो पर, और अरुण ने पैड पर संगत दी।

मुख्य यजमान आनंद कुमार बिट्टू थे। आयोजन में प्रमुख अतिथि और श्रद्धालु—छोटे शेषन, रमेश कुमार चौधरी, ओम प्रकाश गुप्ता, मुनि भूषण, दिनेश सिंह, निलय तिवारी, विजय उत्पा, रमेश रत्नाकर, आकाश चौधरी, कन्हैया गौतम, मनोरंजन पांडेय, युवराज चौधरी, दीपक, प्रकाश चौहान, नथुनी महतो, कृष, आयुष और सैकड़ों महिला एवं पुरुष भक्त उपस्थित रहे।

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रविन्द्र कुमार
रविन्द्र कुमार
प्रधान सम्पादक -(www.biharnews18.in)
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