*बंग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की अबिलंब रिहाई व हिंदुओं के लगातार उत्पीड़न रोकने हेतु आगे आए विश्व समुदाय : बजरंग लाल बागड़ा, महामंत्री,विहिप*
पटना / 29 नवंबर 2024 :: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री श्री बजरंग लाल बागड़ा ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा वहां केहिंदू नेता और इस्कॉन मंदिर के पुजारी की गिरफ्तारी पर चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए उसे वहाँ के प्रशासन की कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। उन्होंने कहा है कि विश्व हिंदू परिषद प्रशासन की इस कायरता पूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना का पुरजोर विरोध करती है। इस्कॉन ने या हिंदू समाज के अन्य संगठनों ने अभी तक अपने उत्पीड़न के विरोध में जितनी भी कार्यवाहियां की हैं, समस्त लोकतांत्रिक तरीके से की हैं । किसी भी प्रकार की हिंसा का उन्होंने प्रतिहिंसा के रूप में अभी तक कोई उत्तर नहीं दिया है। इस प्रकार के पूर्ण शांतिप्रिय और लोकतांत्रिक रूप से अपनी बात रखने वाले समाज के किसी नेतृत्व को इस प्रकार से अलोकतांत्रिक तरीके से गिरफ्तार करना एवं उनकी आवाज को दबाने की कुचेष्टा करना अलोकतांत्रिक है, अमानवीय है और हिंदू समाज के मानवाधिकारों का हनन है!
श्री बागड़ा ने कहा कि हम प्रारंभ से ही मांग कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो घटनाक्रम चल रहा है उसमें वामपंथी कटटर इस्लामिक तत्वों के साथ मिलकर वहां के हिंदू समाज का दमन कर रहे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि पूरे विश्व समुदाय ने और वैश्विक संगठनों को इस बर्बरता का जितना विरोध करना चाहिए था, नहीं किया।
जैसी रोक लगानी चाहिए थी, ऐसी रोक नहीं लगाई है। विश्व हिंदू परिषद पूरे विश्व समुदाय से यह अपेक्षा करती है कि वहां पर हो रहे नृशन्स घटनाक्रम को ध्यान से देखे, उसकी गंभीरता को समझें और बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के और अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा की जाए, सुरक्षा की जाए।
विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार का प्रति-उत्तर इस विषय में बहुत ही सावधानी पूर्वक और न्यूनतम रहा है। एक संप्रभु देश की स्वायत्तता को किसी भी प्रकार से चुनौती देना दूसरे देश की सरकार के लिए उचित नहीं है परंतु, एक बड़े हिंदू समुदाय का इस प्रकार का उत्पीड़न पूरा विश्व, सारे पड़ोसी देश, भारत सरकार सिर्फ देखते रहे और कुछ भी कार्यवाही नहीं करें यह भी एक सीमा तक तो स्वीकार्य है लेकिन लंबे समय तक यह भी स्वीकार नहीं किया जा सकता! विभाजन और उसके पश्चात् के नेहरू लियाकत समझौते के परिदृश्य में बांग्लादेश प्रशासन का विशेष कर्तव्य है कि अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दी जाय।
विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में लेकर बांग्लादेश के प्रशासन पर दबाव बनाए कि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोके। हम तुरंत प्रभाव से श्री चिन्मय कृष्ण दास प्रभु जी की रिहाई की मांग करते हैं और किसी भी हिंदू नेता को, हिंदू पुजारी को, धार्मिक गुरु को बिना पर्याप्त कारण के गिरफ्तार करने की किसी भी प्रकार की मानसिकता से बांग्लादेश सरकार बचे, यह अपेक्षा भी करते हैं.
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